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1800-102-2727NCERT Class 9 Hindi Solutions: कक्षा ९ हिंदी का पाठ्यक्रम छात्रों को हिंदी साहित्य की सुंदरता एवं असीमता से अवगत कराने के लिए निर्धारित किया गया है। पाठ्यक्रम हिंदी साहित्य के चारों प्रमुख भागों से लिए गए कथा, कविता, एवं निबंधों पे ज़ोर देता है। हिंदी साहित्य की सीमाएं अनंत हैं। कक्षा ९ के पाठ्यक्रम में मौजूद कहानियां एवं कविताएं जीवन के विभिन्न पहलुओं पर आधारित हैं।
किसी भी छात्र को पाठ्क्रम में सहायता की आवश्यकता पड़ सकती है और ये बेहद स्वाभाविक है। आकाश संस्थान द्वारा निर्मित कक्षा ९ हिंदी एन.सी.इ.आर.टी (NCERT) हल छात्रों की सहायता हेतु है। यह संग्रह आकाश संस्थान के विशेषज्ञ तथा अनुभवी शिक्षकों द्वारा बनाया गया है।
इस कहानी में मुंशी प्रेमचंद ने इंसान ओर जानवर के बीच के अनोखे सम्बन्ध को बताया हैं जिसमे एक मालिक किस तरह से अपने दोनों बैलो को अपने बच्चों की तरह प्यार करता है व दोनो ही एक दूसरे के बिना नही रह पाते हैं।
यह एक यात्रा की कहानी हैं जिसमे राहुल जी ने अपनी उस समय की तिब्बत यात्रा के बारे में बताया हैं जब आम आदमी को तिब्बत यात्रा की अनुमति नही थी और ऐसे समय मे वे एक भिक्षु के रूप में वहां गए थे।
यह पाठ समाज की वास्तविकता को प्रस्तुत करता है और बताता हैं कि किस तरह से बड़ी बड़ी कम्पनी अपने उत्पादों की बिक्री के लिये आकर्षक विज्ञापन का सहारा लेते हैं और लोगो में भी उनके उत्पाद को खरीदने को लेकर आतुरता बढ़ जाती हैं।
इस पाठ में लेखक में लेखक अपने पुराने दिनों को याद करते हैं जब उनकी गन से एक गौरैया घायल हो जाती है और उस घटना से किस प्रकार उनके हृदय में पक्षियों के लिये स्नेह व संवेदना बढ़ जाती हैं।
इस पाठ में महान सेनानी नाना साहब की पुत्री मैना का अंग्रेज़ो द्वारा सम्पूर्ण महल को जला देने पर मैना का भी उसी आग की लपटों में भस्म हो जाने का भयाभय व दर्दनाक वर्णन हैं।
इस कहानी में लेखक प्रेमचन्द जी की एक फोटो को देखकर आश्चर्य चकित हो जाता हैं क्योंकि उसमें प्रेमचन्द जो ने फटे जूट पहने होते है और लेखक सोचता हैं कि जब इन्होंने फ़ोटो में ऐसी पोषक पहनी है तो ये साधारण समय मे कैसे रहते होंगे।
इस पाठ में लेखिका ने अपने जन्म के समय मे महिलाओं की स्थिति के बारे में बताया हैं कि किस प्रकार उस समय बाल-विवाह, सती प्रथा, दहेज़ प्रथा आदि कुरीतियों ने समाज को बुरी तरह जकड़ के रखा था जो कि आज की हकीकत से बिल्कुल अलग है।
इस कहानी में लेखक ने अपने पाठकों को बातचीत के माध्यम से अपने अपने गुरुदेव के बहुमूल्य गुणो के बारे में बताया हैं कि कैसे उनके उनके गुरुदेव सम्वेदनशीलता, मानवीयता व बहुमुखी प्रतिभाओं के धनी थे।
यह पाठ कबीर जी के उपदेशों से भरा हुआ है इसमें उन्होंने मानव व्यवहार , एकता , अखण्डता, नीति, सदाचार, वैराग्य के बारे मे बताया है तथा प्रत्येक मनुष्य से सदा जीवन व श्रेष्ठ विचारों के साथ जीने के लिये प्रेरित किया है।
इसमे कवयित्री कहती हैं कि ईश्वर से मिलने के लिये हमें मन्दिर,मस्जिद व गुरुद्वारा जाने की जरूरत नही है हम आंतरिक ध्यान से ही ईश्वर के दर्शन कर सकते है और सद्कर्म से ही उनको पा सकते हैं।
इस पाठ में कवि श्रीकृष्ण से काफी प्रभावित है और वे उन पर अपना सब कुछ देने को तैयार है ओर उन्हें किसी भी रूप में श्री कृष्ण की अनुभूति चाहिये, वे उन्हें जीव रूप में ही प्राप्त करना चाहते हैं।
कवि ने यह कविता तब लिखी थी जब देश मे ब्रिटिश शासन हैं इस कविता में कवि कोयल को सम्बोधित करते हुए अपने देश के प्रति अपने भावों को प्रकट कर रहे कि देश भी कोयल होकर पिजरे में बंद है।
इस कविता में कवि ने गाँव के खेतों की हरियाली का जीवंत वर्णन किया है जिससे पाठको को ऐसा प्रतीत होगा कि किसी हरे भरे खेत मे खड़े हैं और उसकी खुशबू उनके मन मस्तिष्क को प्रसन्न कर रही हैं
इस कविता में कवि ने गांव के चारो ओर शोभायमान प्राकृतिक सौंदर्य को अनोखे तरीके से बताया है
इस कविता में कवि ने बारिश होने से पहले बादलों से गरजने व आँधी आने के कारण पर्यावरण की स्थिति के बारे में बताया है।
इस कविता में कवि ने बताया है कि आज के समय में भृष्टाचार चारों ओर फैल गया हैं जबकि यमराज भी सिर्फ दक्षिण में ही निवास करते हैं।
इसमे कवि ने समाज के कड़वे पहलू यानी बाल मजदूरी के बारे में लोगो को अवगत कराते हुए बड़ा ही मार्मिक चित्रण प्रस्तुत किया है।
यह एक रिपोर्ताज़ हैं जिसमे बिहार में पटना के आस-पास के इलाकों में आयी त्रासदी यानी भयंकर बाढ़ का सम्पूर्ण वर्णन हैं। इस पूरी घटना को लेखक फणीश्वर नाथ रेणु जी ने अपने आँखों के सामने देखा है।
यह कहानी मृदुला गर्ग ने लिखी हैं जिसमे उन्होंने बताया है कि वो किस प्रकार अपनी परिवार की कुछ औरतों से अत्यंत प्रभावित हुई जिसमे उनकी नानी, परदादी व चोयी बहन शामिल हैं।
यह कहानी समाज में महिलाओं से जुड़ी कई सारी परेशानियों के बारे में बताती हैं साथ ही उनसे कैसे निपटना चाहिए यह भी बताती हैं।
यह कहानी उन लोगो की हैं जिन्हें अपने पुस्तैनी यानी पुरखों के घरों को छोड़कर दूसरे स्थान पर मज़बूरी में जाना पड़ा क्योंकि उनका गाँव टिहरी बाँध के पानी में डूब गया था।
यह लेखक की खुदकी जीवनगाथा की किस प्रकार वो अपना घर छोड़कर दिल्ली आ गए थे और यह आने का उनका एक ही मकसद था अपनी ख्वाहिशें पूरी करना।
लेखक ने कहा है कि मनुष्यों की पोशाकें उन्हें विभिन्न श्रेणियों में बाँट देती हैं। अक्सर पोशाक ही समाज में मनुष्य का अधिकार और उसका दर्ज़ा निश्चित करती है। हम जब झुककर निचली श्रेणियों की अनुभूति को समझना चाहते हैं तो यह पोशाक ही बंधन और अड़चन बन जाती है।
इस पाठ की लेखिका बछेंद्री पाल ने अपनी सम्पूर्ण एवेरेस्ट यात्रा के बारे में बताया हैं लेखिका बचेंद्री पाल एवरेस्ट विजय के जिस अभियान दल में एक सदस्य थीं, 23 मई, 1984 दोपहर के एक बजकर सात मिनट पर लेखिका एवरेस्ट की चोटी पर पहुँच गई।
इस पाठ में लेखक के घर अचानक ही एक अतिथि आ जाते हैं, और कई दिनों तक रहने के बाद भी वे जाने का नाम भी नही लेते हैं, जिससे लेखक को कई आर्थिक दिक्कतें भी आ जाती हैं व घर वालो का भी अतिथि के प्रति स्वभाव नम्र से उग्र हो जाता है,
प्रस्तुत पाठ ‘वैज्ञानिक चेतना के वाहक रामन्’ में नोबेल पुरस्कार विजेता प्रथम भारतीय वैज्ञानिक के संघर्षमय जीवन का चित्रण किया गया है। रामन् नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय वैज्ञानिक थे व लेखक प्रत्येक मनुष्य को रमन जी से प्रेरणा लेने को कहते हैं।
इस पाठ में लेखक ने उन लोगो का पर्दाफाश किया है जो धर्म की आड़ में लोगो की भावनाओं का गलत इस्तेमाल करते हैं क्योकि साधारण आदमी यह तक सोचता कि धर्म के लिये जान देना सही हैं धार्मिक स्थान में सर झुकाकर गरीबों पर अत्याचार करने वाले धार्मिक नही बल्कि नास्तिक कहलाते हैं।
लेखक कहता है कि आकाश के तारों में शुक्र का कोई जोड़ नहीं है कहने का तात्पर्य यह है कि शुक्र तारा सबसे अनोखा है। भाई महादेव जी आधुनिक भारत की स्वतंत्रता के उषा काल में अपनी वैसी ही चमक से हमारे आकाश को जगमगाकर, देश और दुनिया को मुग्ध करके, शुक्र तारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए अर्थात उनका निधन हो गया।
संत कवि रैदास उन महान सन्तों में अग्रणी थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में फैली बुराइयों को दूर करने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया उनके अनुसार ईश्वर एक है और वह जीवात्मा के रूप में प्रत्येक जीव में मौजूद है। उन्होंने सबको परस्पर मिल जुल कर प्रेमपूर्वक रहने का उपदेश दिया है।
रहीम ने अपने अनुभवों को सरल और सहज शैली में प्रस्तुत किया। मुस्लिम धर्म के अनुयायी होते हुए भी रहीम ने अपनी काव्य रचना द्वारा हिन्दी साहित्य की जो सेवा की, वह अद्भुत है। इसी पाठ में प्रस्तुत सारी पंक्तियों में रहीम जी ने यह बताया है कि हमें कैसे बर्ताव करना चाहिए। एक आदर्श जीवन जीने के लिए कैसे आचरण रखने चाहिए।
इस पाठ के द्वारा कवि ने आदमी के विभन्न रूपों का वर्णन किया है। उनके अनुसार इस संसार में हर तरह के आदमी बसे हुए हैं, फिर चाहे वो अच्छे हों या ख़राब। उनके अनुसार कुछ आदमी दुसरो का भला चाहते हैं तो वही कुछ बुरा भी चाहते हैं।
इस कविता में कवि ने बताया है कि किस प्रकार मौत के बिछौने में लेटी हुई छोटी-सी लड़की की आख़िरी इच्छा तक उसका पिता पूरी नहीं कर पाता। वह भी सिर्फ इसलिए क्योंकि समाज उसे यह करने की आज्ञा नहीं देता और उल्टा उसे दंड भोगना पड़ता है।
इस पाठ में किसी नदी के किनारे का अनूठा वर्णन हैं जिसमें नदी की धारा कल-कल बह रही है, नर तोता मधुर गीत गा रहा है तथा पास ही घोसले में बैठी मादा तोता अपने अंडे सेक रही हैं तथा अपने प्रेमी के मधुर गीत को सुनकर गदगद हो रही हैं यह कविता नदी के दुख तथा प्रेमियों के सुख का अनोखा मिश्रण हैं।
इस कविता के माध्यम से कवि बताता है कि जीवन में जब कठिनाई का दौर चलता है तभी किसी की असली परीक्षा होती है। ऐसे ही दौर को कवि ने अग्नि पथ के रूप में देखा है और ऐसे में उसे किसी से मदद नहीं माँगनी चाहिए।
इस कविता में कवि ने उन खुशबूदार अगरबत्ती बनाने वालों के यथार्थ के बारे में बताया है जो खुशबू से कोसों दूर है। अगरबत्ती का कारखाना अकसर किसी तंग गली में, नालों के पार और बजबजाते कूड़े के ढेर के पास होता है।
इस प्रस्तुत पाठ में एक चंचल तथा तेज गति से दौड़ने वाली जीव जो गिलहरी है, उससे लेखिका के अद्भुत प्रेम का परिचय मिलता है। और किस तरह लेखिका उस जख्मी गिलहरी की सेवा करती हैं
इस पाठ में लेखक अपने पुराने दिनों को याद याद करता हुआ एक समय रुक जाता है जब उसके बड़े भाई ने उन्हें चिठ्ठी डाकघर(पोस्टऑफिस) में डालने को दी थी और वो चिठ्ठी कच्चे कुँए में गिर जाती हैं जिसमे सांप रहता है और लेखक व उनके छोटे भाई ने बड़ी ही मेहनत से व अपने डंडे की मदद से वो चिट्ठियां निकल लेता हैं।
यह एक यात्रा-वृतांत हैं जिसमे लेखक ने अपनी त्रिपुरा यात्रा का वर्णन किया है।यात्रा के दौरान लेखक की उस इलाके के कई बड़े व प्रतिष्ठित गायकों से मुलाकात हुई जिनमे हेमंत कुमार जमातिया शामिल हैं
यह पाठ लेखक धर्मवीर भारती द्वारा लिखा गया है जिसमें उन्होंने अपने आत्मकथा के बारे में बताया है। लेखक के घर में बहुत सारी पुस्तकें थीं, परन्तु उनकी प्रिय पुस्तक थी स्वामी दयानंद जी की एक जीवनी थी।
लेखक यहाँ अपने एक अनुभव को बताता हुआ कहता है कि जब लेखक ने तक्षशिला जो की पाकिस्तान में है वहाँ पर शरारती लोगों द्वारा आग लगाने के बारे में समाचार पत्र में खबर पढ़ी तो खबर पढ़ते ही लेखक को हामिद खाँ याद आया।
यह कहानी आजादी के प्रयत्नशील भारत के महत्वपूर्ण घटना पर आधारित है तथा यह पाठ गांधी जी की दांडी यात्रा का वर्णन है, जब गांधी जी की एक आवाज पर पूरा देश उनके साथ हो लिया था। इसका मुख्य उद्देश्य था अंग्रेजों द्वारा बनाए गए 'नमक कानून को तोड़ना'।
कक्षा ९ हिंदी पर आकाश द्वारा निर्मित एन.सी.इ.आर.टी (NCERT) हल पर नित्य पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न १: आकाश द्वारा निर्मित हल कहाँ उपलब्ध है?
आकाश संस्थान द्वारा तैयार किये गए एन.सी.इ.आर.टी (NCERT) हल छात्रों को आकाश संस्थान की वेबसाइट पर प्राप्त हो सकते हैं।
प्रश्न २: आकाश द्वारा निर्मित एन.सी.इ.आर.टी हल क्या है?
आकाश द्वारा निर्मित एन.सी.इ.आर.टी हल कक्षा ९ के पाठ्यपुस्तकों में दिए गए पाठ के हर प्रश्न के उत्तरों का संग्रह है। इसकी भाषा बेहद सरल रखी गयी है और इसे निशुल्क अर्थात मुफ्त प्राप्त किया जा सकता है।
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