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1800-102-2727पेड़ से सेब को गिरते हुए लोगों ने देखा पर न्यूटन से पहले किसी ने भी इसके पीछे के रहस्य गुरुत्वाकर्षण के बारे में नहीं सोचा । उसी तरह आदि काल से लेकर लाखों लोग समुद्री यात्राएं करते थे लेकिन समुद्री यात्राओं के पीछे के रहस्य को और समुद्र के बारे में जानकारी हासिल करने का साहस वेंकटरमन ने उठाया था। बचपन से ही उनका दिमाग विज्ञान में बहुत लगता था और कॉलेज तक आते-आते वे स्वयं ही विज्ञान से जुड़े रहस्यों की खोज करना शुरू कर दिए थे।
वे पढ़ाई में भी काफी मेधावी थे , इसलिए पढ़ाई खत्म करने के बाद उनकी तुरंत नौकरी लग गई और वह सरकार के वित्त विभाग में अफसर बन गए । परंतु फिर भी विज्ञान के प्रति उनकी लगन उन्हें दफ्तर से निपटने के बाद नए शोध की ओर खींच लाती थी । वह कोलकाता में दफ्तर से निकलकर नए शोधों पर कार्य करते थे। रामन् की ख्याति दूर-दूर तक फैल चुकी थी और इस बात का पता शिक्षाशास्त्री आशुतोष मुखर्जी जी को पता चला , उन्होंने रामन् से कोलकाता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पद पर भर्ती होने के लिए कहा ।
उस समय रामन् को अपनी सरकारी नौकरी में अच्छी तनख्वाह मिल रही थी और वह साधारण प्रोफ़ेसर की नौकरी से कई ज्यादा थी ,परंतु फिर भी उन्होंने 1917 में अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और कोलकाता विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बन गए थे । वहाँ उन्होंने नई नई खोजों को जन्म दिया और देश सेवा में अपना जीवन व्यतीत किया । सन् 1970 में रामन् जी इस दुनिया को छोड़ कर विदा हो गए।
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