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1800-102-2727हर्ष उत्तर भारत में राज कर रहे थे। इस दौरान अरब में इस्लाम ने अपनी जगह बना ली थी। सालों बाद अरबों ने हर जगह फैल कर इलाकों में कब्जा करना शुरू कर दिया था। 1000 ई. में महमूद गज़नवी ने भारत पर आक्रमण किया और भारतीय खजाना अपने साथ ले गया था। महमूद गज़नवी तुर्क था, जिसने अपनी ताकत मध्य एशिया में काफी बढ़ा ली थी। उसके शासन में बेरहमी से खून बहा और मुसलमानों के प्रति गहरी नफरत पैदा हुई। वो हर जगह को लूटता और लौट जाता था। उसके बाद शहाबुद्दीन गौरी ने लाहौर और दिल्ली पर आक्रमण किया, और आगे बढ़कर पृथ्वीराज चौहान से हार गया। किन्तु 1 साल बाद नई फौज लेकर उसे जीत हासिल हुई और वो दिल्ली के तख्त पर बैठ गया।
14वीं शताब्दी में तुर्क-मंगोल तैमूर ने दिल्ली पर हमला किया। 1526 में बाबर ने मुगल साम्राज्य की नींव डाली। इस मुग़ल दौर में काफी विकास और यातायात के साधनों में सुधार हुआ। स्थानीय रीति- रिवाजों में सरकार का बोलना बंद हो गया था। वास्तुकला की नई शैलियां विकसित हुई। खान-पान, पहनावा, जीवन के अनेक रूप प्रभावित हुए। बाबर के बाद हुमायूँ से होते हुए अकबर ने मुगल खानदान का शासन संभाला। उन्होंने अपना समय काल युद्ध और आगरा को एक बड़ी राजधानी बनाने में लगाया था। उन्हें कला, अच्छे रहन सहन से लगाव था। उन्होंने एक राजपूत राजकुमारी से शादी भी की थी। उनका बेटा जहांगीर आधा मुगल और आधा हिंदू राजपूत था। भारत में रहने वाले लोगों ने हिंदू धर्म से परिवर्तन किया। इसके बाद शाहजहां और जहांगीर ने तुर्क– मंगोल वंश को प्रशासन, कला व संस्कृति को आगे बढ़ाया। दिल्ली एवं आगरा ने वास्तुकला में उन्नति की। इसके बाद औरंगजेब आए जो समय से उल्टा चलने वला शासक थे। औरंगजेब ने शांति प्रिय वातावरण को खंड किया।
इनके अतिरिक्त एक भारतीय राजनेता, राजपूताने के महाराज सवाई जयसिंह थे, वे बहादुर होने के साथ एक महान खगोल विज्ञानी, गणितज्ञ, और नगर निर्माण करने वाले थे। उन्होंने कई वेधशालाएं बनवाई और जयपुर नगर बसाया था। समय बदला और मराठा और टीपू सुल्तान को हराकर ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय में अंग्रेजी साशन को संगठित किया और भारत को लूटना शुरू किया।
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