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1800-102-2727प्रस्तुत कहानी माधव दास नामक एक धनी व्यक्ति की है । उसने अपनी कोठी बहुत आलीशान बनवा रखी थी। माधवदास कलाप्रेमी होता है और उसके अंदर कोई भी बुरी आदत नहीं होती थी। दिन-प्रतिदिन की उसकी क्रिया रहती थी कि वह शाम के समय चबूतरे पर तख्त डालकर मसनद के सहारे प्रकृति को निहारता रहता है उसके पास खाली समय भी बहुत होता था। ऐसी ही एक दिन एक नन्ही चिड़िया एक गुलाब की डाली पर आकर बैठ जाती है। वह चिड़िया बहुत सुन्दर होती है माधवदास उस चिड़िया को देखकर बहुत प्रसन्न होते हैं और उसकी प्यारी-प्यारी आवाज़ सुनकर खुश हो जाते हैं।
इसी तरह चिड़िया को देखते-देखते वो चिड़िया से कहते हैं कि यह बगीचा उन्होंने उसी के लिए बनवाया है और वह चिड़िया यहाँ रह सकती है जब उसकी इच्छा करें वो यहाँ आ सकती है । माधवदास की बात सुनकर चिड़िया घबरा जाती है वह कहती हैं कि वह थोड़ी देर के पश्चात यहाँ से चली जाएगी। लेकिन माधवदास उस चिड़िया की सुंदरता पर बहुत मुग्ध हो जाते है और वह चाहते है कि वह हमेशा के लिए ही इस जगह रहे। और उनके जीवन के खालीपन को अपनी मधुर आवाज से भर दें । माधवदास उसे रोकने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं उसे सोने के घर , मोतियों की झालर सारी सुख-सुविधा देने का वादा करते हैं। वो चिड़िया से कहते हैं कि वो जो भी मांगेगी उसे दे देंगे वो चिड़िया को सोने का महत्व बताते हैं और उसे सोने की कटोरी में खाने पीने के बारे में बताते हैं और उसे सदैव प्रसन्न रखने का वचन देते हैं।
माधवदास की इन बातों से चिड़िया और भी भयभीत हो जाती है और उसे लगता है कि उसने गलती कर दी। वह अपनी माँ के पास लौट जाना चाहती है वो माधवदास से कहती है की उन्होंने सांसारिक जितनी भी सोने या किसी भी वस्तु का नाम दिया उसे इसका ज्ञात नहीं है । वह केवल धूप, घास, सूरज, पानी और फूल को ही जानती है और वह कहती हैं कि वह अपने घर चली जाएगी। लेकिन माधवदास उस चिड़िया पर बहुत मंत्रमुग्ध होते हैं और वह हर संभव प्रयास करते हैं कि उसे रोक रखे। वो उसे बार- बार कई प्रकार के लाभ प्रलोभन देकर रोकने का प्रयास करते हैं। तभी माधवदास अपने नौकर को बुलाते हैं और उस चिड़िया को पकड़ने के लिए कहते हैं। जहाँ चिड़ियाँ माधव दास की बातों में उलझी हुई होती है वहीं माधवदास अपने नौकर से उसे पकड़ने का प्रयास करने को कहते हैं।
लेकिन चिड़िया उस नौकर के हाथों में नहीं फंसती है और वह वहाँ से उड़ते हुए अपनी माँ के पास पहुँच जाती है और उनकी गोद में छिपकर सो जाती है । जब उसकी माँ चिड़िया से पूछती है कि उसके साथ क्या हुआ तब चिड़िया उन्हें कुछ नहीं बताती है और फिर वो डर के मारे उनकी गोद में सो जाती है।
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