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1800-102-2727लोकगीत का आशय उन गीतों से होता है जो किसी निश्चित क्षेत्र के लोगों के द्वारा शादी, जन्म आदि मिलाकर और भी कई तरह के ख़ुशी के अवसर पर उसी क्षेत्र के लोगों द्वारा गाए जाते हैं। इन लोकगीतों की ख़ास बात यह भी होती है कि इन्हें उसी क्षेत्र के लोग अपनी रोज़ की बोलचाल की भाषा में बनाते हैं, जिससे ये अन्य गीतों से हटके होते हैं व वहाँ के लोगों के दिल में एक खास जगह रखते हैं। अगर हम साधारण शब्दों में कहें तो लोकगीत लोगों के द्वारा गाए जाने वाले गीत होते हैं जिन्हें किसी तकनीक द्वारा नहीं गाया जाता बल्कि साधारण डोल, मंजीरा, ढोलक आदि की मदद से गाया जाता है। वैसे आदमी और औरतों के लोकगीत अलग-अलग होते हैं और यह लोकगीत अपने-अपने क्षेत्र में ख़ास स्थान रखते हैं। प्राचीन समय में लोकगीत अक्सर ही सुनाई दिया करते थे लेकिन अभी कुछ समय पहले लोग लोकगीतों को खराब मानने लगे थे क्योंकि ये किसी व्याकरण, शैली या काव्य-सौंदर्य के आधार पर नहीं बनते हैं, ये तो जैसा देश वैसे गीत इस बात पर काम करते हैं। अभी कुछ समय से लोगों ने लोकगीतों में दिलचस्पी दिखानी शुरू की है और कई युवा भी बिहार, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश व हिमाचल प्रदेश आदि के लोकगीतों को बड़ा मंच प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग हमारी पुरानी संस्कृति को जानने और उसको सीखने की कोशिश भी करें ताकि जो लोग इतने सालों से लोकगीतों को गा रहे है उन्हें भी अपनी प्रतिभा को दिखाने का मौका मिले।
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