Call Now
1800-102-2727यह एक निबन्ध है जिसमें अक्षरों की हमारे जीवन में कितनी उपयोगिता है इस बारे में बताया गया है । यदि हमारे जीवन में अक्षर ही न होते तो हमारा क्या होता ,क्या आपने कभी भी इस बारे में सोच है नही है और सोच भी नही सकते क्योंकि जब से हम पैदा हुये है हम अक्षरों की गोद में पले-बड़े है ,माँ भी जब माँ कहना सिखाती है तो वो भी हमारा पहला अक्षर ही होता है तो सोचिए अगर अक्षर ही न होते तो हम सभी का क्या होता हम कैसे एक दूसरे से अपनी भावनाओं और विचारों का आदान प्रदान करते है , मनुष्य को लगता है कि अक्षरों को भी भगवान ने ही बनाया होगा जैसे उन्होंने हम इंसानो को बनाया पर यह सच नही है क्योंकि अक्षरों की खोज या कह सकते है कि अक्षरों को मानव ने ही बनाया है पहले जमाने में जब आदिमानव हुआ करते थे तब अक्षरों का निर्माण नही हुआ था इसलिए वे अपनी विचारों व भावनाओं को एक दूसरे को बताने के लिये चित्रों का सहारा लेते थे, वे दीवारों पर चित्रकारी करते थे और दूसरा व्यक्ति उनकी बात को चित्रों के माध्यम से समझ जाता था,समय बीतता गया और उन्होंने चिन्हों के द्वारा बातें करना शुरू कर दी और अंत में चिन्हों से ही अक्षरो का निर्माण हुआ और लोगो को अपनी भावनाओं को दूसरों को बताने के लिये अक्षर मिले।आज के समय में हम जिन अक्षरों का प्रयोग कर रहे है वे हमारे ही पूर्वजों के कठिन परिश्रम का फल है जो हमे बिना मेहनत करे मिल गया है और जिसने हमारे जीवन को बहुत ही सरल बना दिया है ।
Talk to our expert