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1800-102-2727लेखक अपने बच्चों और उन सबकी मम्मी को यूगोस्लाविया पहुँचने के एक हफ्ते बाद पत्र लिख रहे थे । वह उन्हें बताते हैं कि आज इतवार है तो खाना खा कर वो पत्र लिखने बैठ गए । लेखक अपने परिवारजन को भिन्न रंग के फूलों के बारे में बताते हैं । लेखक उन फूलों को भारत में जैसे फूल पाए जाते उनसे तुलना कर उनकी विशेषता के बारे में बताते हैं । सफेद कुमिदिनी के फूल नीले और बैंगनी रंग में हैं । वह पत्र में हर प्रकार के फूल का उल्लेख करते हैं जो उन्होंने अपनी यात्रा में देखे और उनकी तारीफ करते हैं और वो बताते हैं कि उन्हें ये भिन्न प्रकार के फूल काफी पसन्द आ रहें हैं।
लेखक पत्र में वहाँ के मौसम की खूबसूरती के बारे में लिखते हुए बसंत ऋतु के आगमन की बात भी कहते हैं। लेखक फिर अपने भोजन आदि का उल्लेख करते हैं। वो बताते हैं कि उन्हें दही, आइसक्रीम, सूप आदि चीजें भोजन की छोटे 30 ग्राम की छोटी प्लास्टिक की डिब्बी में दी जाती हैं। अपने खाने से भारत के अनेक व्यंजन जैसे, चावल, सेवइयाँ, मिठाइयाँ आदि को अन्य तरीके से खाये जाने की बात लिखते हैं और बताते हैं कि किस प्रकार से भोजन को अलग-अलग रूप में परोसा जाता है। बच्चों को वो “दूना” नदी के बारे में बताते हैं । आगे पत्र में बच्चों से नेविसाद शहर के बीच बहने वाली दूना नदी को यूरोप के नक्शे में देखने को कहते हैं। लेखक ने बच्चों के लिए इटली के सिक्के, यूरोप के सिक्के, एक सिक्का इंडोनेशिया का और मॉरिशस की कुछ टिकटें लाने की बात का जिक्र भी किया है। लेखक कहते हैं कि महंगाई बहुत होने की वजह से वो कुछ नहीं खरीद रहे और बताते हैं कि बाजार में रोज किसी बच्चे को देख उसे अपने बच्चों की बहुत याद आती है। नदी में बड़े बड़े जहाज की बात भी बच्चों को वो बताते हैं ।
उन लोगों की फुटबॉल में रूचि होने की बात भी लेखक ने पत्र में लिखी थी और विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप होने वाला है उसे कभी कभी देखने जाएंगे इसका भी उल्लेख करते हैं । उस शहर के बारे में लेखक बताते हैं कि उन बाजारों में १०-१० एवं २०-२० मंजिल के घर हैं । अपने कमरे के बारे में बताते हुए लेखक कहते हैं कि वह पांचवी मंजिल पर हैं, उस कमरे की खिड़की से उन्हें बाहर खेल का मैदान नजर आता है। लेखक उन्हें बताते हैं कि अलग-अलग 17 देशों से आए 22 लोगों के साथ रहते हैं। अगले दिन यूनिवर्सिटी बस से पाल्ट्री फर्म जाने के बारे में बताते हैं । आखिर में लेखक अपने बच्चों को प्यार देते हुए उनकी माँ का ध्यान रखने को कहते हैं , साथ ही बहुत ज़्यादा परेशान न करने का अनुरोध भी करते हैं।
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