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1800-102-2727Class 7 Hindi Chapter 1 NCERT Solutions: प्रथम खंड में कवि ने पक्षियों के गगन में उड़ने के माध्यम से उनके खुले गगन में विचरण की स्वाभाविक प्रक्रिया को प्रदर्शित किया है । कवि का मानना है कि यदि इन्हें पिंजरे में कैद कर दिया जाए तो उन्मुक्त ना होने की वजह से इनके जीवन के रंग धूमिल हो जाएंगे । पंछी को यह बात भली भांति ज्ञात है कि उन्हें चाहे सोने के या चांदी के पिंजरे में ही कैद क्यों ना करा जाए पर उनकी स्वतंत्रता की प्रवृत्ति उनके जीवन को नीरस कर देगी । एक पंछी का जीवन झरने, नदियों से पानी पीने तथा इधर-उधर कुछ मिले अंश से भूख मिटाने में व्यतीत होता है। अगर उनकी स्वतंत्रता छीन उन्हें कैद किया जाए तो वो भोजन पानी सब अस्वीकार कर देंगे एवं अपने जीवन का त्याग कर देंगे।
कवि आगे कहते है कि पंछी को कैद करने की वजह से वो अपनी उड़ान एवं गति की कला को विस्मृत कर चुके है। उनका वृक्ष पर बैठना, नील अंबर की असीमित सीमा तक पहुंचना यह सभी उनके लिए सिर्फ स्वप्न बन कर रह चुका है। इस गुलामी के जीवन में वो अपने स्वतंत्र रूप से दाने चुगना, तारों को अपना अन्न समझना सब भूल चुके हैं। उनकी सारी खुशियां छिन चुकी हैं और वो सिर्फ एक कैदी मात्र बन कर रह गए हैं।
कवि ने पंछी की व्यथा को आगे व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि वे आजाद होते तो वे आसमान के आखिरी छोर तक पहुंच जाते या फिर अपने प्राण त्याग देते। इनसे कवि ने पंछी को अपनी स्वतंत्रता कितनी प्यारी है ये व्यक्त किया है। वे लोगों से ये विनती करते हैं की जब पंछियों भगवान द्वारा पंख प्रदान किये गए हैं तो उनसे ये उड़ने के आजादी को ना छीना जाए, उन्हें उनकी अनंत आकाश में उड़ने की आज़ादी दी जाए।
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